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चेक के नाम पर चालबाज़ी! व्यापारी के खाते से 8 लाख गायब


चेक के नाम पर चालबाज़ी! व्यापारी के खाते से 8 लाख गायब

न्यूज एक्सपर्ट - सुशील शर्मा 

पिलखुवा (हापुड़) - शहर के मोहल्ला शुक्लान निवासी एक व्यापारी को साइबर ठगों ने शातिराना तरीके से जाल में फंसा कर 8 लाख रुपये की चपत लगा दी। ठगों ने खुद को बैंक और संस्था का प्रतिनिधि बताकर व्यापारी को कॉल कर भ्रमित किया और अगले ही दिन उसके खाते से लाखों रुपये पार कर दिए। व्यापारी ने कोतवाली में तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की है, वहीं पुलिस व साइबर सेल पूरे मामले की गंभीरता से जांच में जुटी हुई है।

व्यापारी को किया मानसिक भ्रमित, फिर उड़ाए पैसे

व्यापारी मनीष कुमार गोयल ने बताया कि उनके मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले ने खुद को किसी संस्था का कर्मचारी बताते हुए कहा कि मनीष ने पांच लाख रुपये का चेक जारी किया है, जिसे बैंक में क्लियर किया जाना है। मनीष ने साफ तौर पर ऐसा कोई चेक जारी करने से इनकार कर कॉल काट दी।

कुछ देर बाद उसी नंबर से दोबारा कॉल आई और इस बार तीन लाख रुपये के चेक की बात कही गई। व्यापारी को कुछ समझ नहीं आया और उन्होंने यह कॉल भी काट दी। लेकिन अगले दिन जब मनीष ने अपने बैंक खाते की जांच की, तो उनके होश उड़ गए — खाते से पूरे आठ लाख रुपये गायब थे।

बैंक ने कहा—1930 पर करें शिकायत, पुलिस ने केस दर्ज किया

घटना के तुरंत बाद मनीष ने संबंधित बैंक से संपर्क किया, जहां अधिकारियों ने उन्हें तत्काल साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी। इसके बाद मनीष ने कोतवाली पिलखुवा में लिखित शिकायत दी।

कोतवाली प्रभारी निरीक्षक पटनीश कुमार ने बताया कि मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है और साइबर सेल को तकनीकी जांच के लिए लगाया गया है। शुरुआती जांच में यह साफ है कि ठगों ने फर्जी कॉल कर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाया और किसी तरह से खाते से जुड़ी जानकारी या किसी माध्यम से एक्सेस हासिल किया।

बढ़ रही हैं साइबर ठगी की घटनाएं: आम लोगों से लेकर व्यापारी तक निशाने पर

साइबर अपराधी अब पुराने हथकंडों के साथ-साथ नई-नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कुछ आम साइबर ठगी के तरीके इस प्रकार हैं:

1. फिशिंग कॉल्स: जहां ठग बैंक या सरकारी संस्था का कर्मचारी बनकर आपकी निजी जानकारी मांगते हैं।

2. स्पाई ऐप्स: लिंक भेजकर आपके फोन में मालवेयर इंस्टॉल करा लिया जाता है जिससे आपकी बैंकिंग डिटेल्स चोरी हो सकती हैं।

3. KYC अपडेट का झांसा: “आपका अकाउंट बंद किया जा सकता है” जैसी धमकी देकर ग्राहक से ओटीपी या कार्ड नंबर मांगे जाते हैं।

4. लॉटरी/इनाम का लालच: "आपने इनाम जीता है" जैसे मैसेज भेजकर शुल्क के नाम पर पैसे वसूले जाते हैं।

5. QR कोड स्कैम: दुकानदार या व्यापारी को ठग पेमेंट लेने के बहाने QR कोड स्कैन करने को कहते हैं, और पैसा निकल जाता है।



पुलिस और साइबर सेल कैसे कर रही मदद?

हापुड़ साइबर सेल के अधिकारियों का कहना है कि यदि समय रहते साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत की जाए तो ट्रांजैक्शन को ट्रैक कर पैसे वापस मिलने की संभावना रहती है। ऐसे मामलों में ‘गोल्डन ऑवर’ बेहद अहम होता है – यानी घटना के 1–2 घंटे के अंदर शिकायत दर्ज कराना।

साइबर सेल अब पीड़ितों को जागरूक करने, उनके खातों की सुरक्षा जांचने और तकनीकी माध्यम से ट्रांजेक्शन की ट्रेसिंग के लिए विशेषज्ञों की मदद ले रही है। कई मामलों में रकम ब्लॉक कराकर आंशिक या पूरी राशि पीड़ित को वापस भी दिलाई जा चुकी है।

पुलिस की अपील: सावधान रहें, सतर्क रहें

पुलिस व साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने आमजन से अपील की है कि:

किसी भी अनजान कॉल पर बैंक डिटेल, ओटीपी या पासवर्ड न बताएं।

मोबाइल पर आने वाले लिंक या QR कोड स्कैन करने से बचें।

KYC या खाते से जुड़ी जानकारी सिर्फ अधिकृत बैंक शाखा में जाकर ही अपडेट करें।

किसी ठगी की आशंका होते ही तुरंत 1930 या नजदीकी थाने में संपर्क करें।

 संपर्क करें:

👉 साइबर हेल्पलाइन – 1930

👉 राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल – www.cybercrime.gov.in

👉 नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल से संपर्क करें







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