News Expert - Ajay Verma
हापुड़ - ग्राम पंचायत गालंद व भोवापुर के सैकड़ों किसानों को पिछले कई वर्षों से जलभराव की गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि दशकों से बारिश के पानी की निकासी का एकमात्र प्राकृतिक मार्ग गालंद से देहरा की ओर बहने वाला पुराना नाला अब पूरी तरह अतिक्रमण की गिरफ्त में है। नाले के ऊपर और किनारों पर कंपनियों, गोदामों और कुछ निजी व्यक्तियों द्वारा अवैध निर्माण कर दिया गया है, जिससे पानी की निकासी पूरी तरह रुक चुकी है।
ग्रामीणों के अनुसार पहले यह नाला पूरी तरह खुला था और बारिश का पानी तेजी से होकर आगे निकल जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में लगातार हो रहे अतिक्रमण ने इसका अस्तित्व लगभग समाप्त कर दिया है। स्थिति यह है कि हल्की सी बारिश भी 300 से 400 बीघा तक खड़ी फसल को बर्बाद कर देती है। खेतों में नाले का जमा हुआ गंदा पानी भर जाता है और गेहूं, आलू, सब्ज़ी व अन्य फसलों को भारी नुकसान होता है। इन समस्याओं को लेकर मंगलवार को कई किसान जिलाधिकारी अभिषेक पांडे से मिलने हापुड़ कलेक्ट्रेट पहुंचे। किसानों की मनोदशा इस बात को लेकर निराश थी कि जिलाधिकारी कार्यालय में मौजूद नहीं थे। ऐसे में किसानों ने अपना ज्ञापन एसडीएम को सौंपा और वापस गांव लौट गए।
किसान अभी अपने-अपने खेतों पर लौट ही रहे थे कि अचानक उन्हें सूचना मिली कि जिलाधिकारी अभिषेक पांडे स्वयं गालंद–भोवापुर के खेतों में पहुंच गए हैं। खेतों में जिलाधिकारी को देखकर किसानों के चेहरे खिल उठे। किसानों का कहना था कि “हम तो मानकर चले थे कि शिकायत दर्ज हो गई, अब कार्रवाई कभी भी होगी। लेकिन डीएम साहब को मौके पर देखकर लगा कि हमारी सुनवाई सच में हो रही है।” ब्लॉक प्रमुख निशांत शिशोदिया ने वहां पहुंचकर जिलाधिकारी को पूरे प्रकरण से अवगत कराया और नाले की वर्तमान स्थिति भी दिखाई। जिलाधिकारी ने खुद पैदल चलकर नाले का मार्ग, अतिक्रमण वाली जगहें और जलभराव वाले खेतों का स्थलीय निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि पुराने नाले की पूरी माप कर उसके मूल स्वरूप को पुनः बहाल किया जाए, जहां-जहां अतिक्रमण है, वहां नोटिस जारी कर कार्रवाई शुरू की जाए, किसानों की फसल को नुकसान से बचाने के लिए अस्थायी निकासी मार्ग तुरंत बनाया जाए, सिंचाई विभाग व पंचायत विभाग संयुक्त टीम बनाकर रिपोर्ट 48 घंटे में उपलब्ध कराएं। किसानों ने कहा कि कई सालों में पहली बार उनकी समस्या को इतनी गंभीरता से सुना गया है।
जिलाधिकारी अभिषेक पांडे ने बताया कि “गालंद और भोवापुर क्षेत्र में जलभराव की समस्या लंबे समय से चली आ रही है। आज मैंने स्वयं मौके पर पहुंचकर नाले की स्थिति और अतिक्रमण की समस्या का निरीक्षण किया। जहां-जहां अवैध निर्माण पाया गया है, वहां तत्काल आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। नाले को उसके मूल स्वरूप में बहाल किया जाएगा ताकि किसानों की फसल को नुकसान न हो। प्रशासन की प्राथमिकता है कि किसी भी किसान की उपज जलभराव के कारण नष्ट न हो। हम संयुक्त टीम बनाकर 48 घंटे में नाले की माप, सफाई और अवरोध हटाने की प्रक्रिया शुरू करा रहे हैं। किसानों की समस्या का पूर्ण समाधान कराया जाएगा।”
















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