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पुलिस का एक और चेहरा आया सामने

पुलिस का एक और चेहरा आया सामने

न्यूज एक्सपर्ट - सुशील शर्मा 

हापुड़ - जहां एक ओर पुलिस विभाग को केवल कानून-व्यवस्था से जोड़ा जाता है, वहीं हापुड़ पुलिस ने मानवीय संवेदनाओं का एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। थाना हापुड़ देहात व थाना हाफिजपुर पुलिस द्वारा समाज के उन बच्चों के जीवन में खुशियों के रंग भरने का प्रयास किया गया, जो शारीरिक रूप से दिव्यांग होते हुए भी शिक्षा के लिए संघर्षरत हैं।

ग्राम मसूरपुर बाईपास स्थित गौतम बुद्ध हैंडिकैप्ड चैरिटेबल स्कूल में अध्ययनरत विशेष बच्चों के बीच पहुंचकर थाना हापुड़ देहात प्रभारी विजय कुमार एवं थाना हाफिजपुर प्रभारी आशीष पुंडीर ने बच्चों को निःशुल्क पाठ्य पुस्तकें, फल, तथा मिठाइयाँ वितरित कीं। इस दौरान अधिकारियों ने बच्चों के साथ आत्मीय संवाद करते हुए उन्हें पढ़ाई में निरंतर आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

📝 बच्चों को मिला प्रोत्साहन, अधिकारियों ने बढ़ाया मनोबल

पुलिस अधिकारियों ने न केवल बच्चों को उपहार दिए, बल्कि उनके साथ बैठकर उन्हें पढ़ाई के महत्व के बारे में बताया। प्रभारी विजय कुमार ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा—

"तुम सब हमारे समाज की प्रेरणा हो। किसी भी कठिनाई को अपनी शिक्षा और आत्मबल से हराया जा सकता है। पुलिस विभाग हमेशा तुम्हारे साथ है।"

वहीं थाना हाफिजपुर प्रभारी आशीष पुंडीर ने बच्चों को भरोसा दिलाते हुए कहा "हम न सिर्फ तुम्हारी सुरक्षा के लिए हैं, बल्कि तुम्हारे सपनों में भी भागीदार हैं। जो भी मदद होगी, हम हमेशा तैयार रहेंगे।"

🤝 विद्यालय प्रबंधन और अभिभावकों ने सराहा प्रयास

विद्यालय प्रबंधन, अभिभावकों एवं स्थानीय नागरिकों ने पुलिस अधिकारियों के इस मानवीय पहल की जमकर सराहना की। विद्यालय के संस्थापक ने कहा कि "पुलिस को अक्सर कठोर दृष्टि से देखा जाता है, लेकिन आज का दिन इन बच्चों के लिए यादगार बन गया। यह पहल समाज के लिए एक प्रेरणा है।"

🎁 बच्चों के चेहरों पर दिखी सच्ची मुस्कान

मिठाइयों और किताबों से कहीं अधिक बच्चों के चेहरों पर वह मुस्कान कीमती थी, जो उन्हें अपनापन और सहयोग की भावना से मिली। बच्चे पुलिस अधिकारियों को अपने बीच पाकर न सिर्फ खुश हुए, बल्कि उनसे खुलकर बातें भी कीं।

एक सराहनीय पहल — पुलिस का मानवीय चेहरा

हापुड़ पुलिस द्वारा किया गया यह सराहनीय कार्य इस बात का प्रतीक है कि "पुलिस केवल डंडे की भाषा नहीं, दिल से भी काम करती है।" इस तरह की पहलें समाज के प्रति पुलिस की सकारात्मक सोच को दर्शाती हैं और पुलिस एवं आमजन के बीच विश्वास की एक नई डोर बांधती हैं।







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