News Expert - Aarif Kassar
धौलाना - धौलाना क्षेत्र के कंदोला गांव में बुधवार दोपहर आवारा कुत्तों के आतंक की एक और भयावह घटना सामने आई। गांव के 13 वर्षीय बालक देव पर एक आवारा कुत्ते ने अचानक हमला कर दिया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया। परिजनों ने किसी तरह कुत्ते को भगाकर बच्चे को बचाया और आनन-फानन में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) धौलाना पहुंचाया। डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उसकी हालत गंभीर देखते हुए जिला अस्पताल रेफर कर दिया।
बुधवार दोपहर करीब तीन बजे देव अपने घर से बाहर किसी काम से जा रहा था। जैसे ही वह मुख्य गली में पहुंचा, अचानक एक आवारा कुत्ता झपट पड़ा और देव के सीने पर काट लिया। कुत्ते के हमले से बालक लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। बच्चे की चीख-पुकार सुनकर परिजन और आसपास के लोग मौके पर पहुंचे और किसी तरह कुत्ते को वहां से भगाया। देव के पिता ने बताया कि “गांव में कई दिनों से कुत्तों के झुंड घूम रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। आज मेरे बेटे के साथ जो हुआ, वह किसी के भी साथ हो सकता है।”
घटना के बाद घायल बच्चे को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र धौलाना लाया गया। सीएचसी प्रभारी डॉक्टर रोहित मनोहर सिंह ने बताया कि “बच्चे को कुत्ते ने सीने पर गंभीर रूप से काटा है। उसे तुरंत एंटी-रेबीज इंजेक्शन लगाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद हालत नाजुक होने पर जिला अस्पताल हापुड़ रेफर कर दिया गया है।”
घटना के बाद से पूरे गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने बताया कि कंदोला और आसपास के इलाकों में आवारा कुत्तों का आतंक पिछले कई महीनों से बढ़ता जा रहा है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं तक घरों से बाहर निकलने में डर महसूस कर रहे हैं स्थानीय निवासी रघुनाथ सिंह ने बताया कि “गांव में दर्जनों आवारा कुत्ते खुलेआम घूमते हैं। कई बार पंचायत और प्रशासन से शिकायत की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब तो रोजाना कोई न कोई कुत्ते का शिकार बन रहा है।”
सीएचसी धौलाना के डॉक्टरों के अनुसार, पिछले कुछ सप्ताहों से कुत्तों के काटने के मामलों में तेजी आई है। प्रभारी डॉक्टर ने बताया कि “हर दिन करीब 40 से 50 लोग कुत्तों के काटने की शिकायत लेकर स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं। यह एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनती जा रही है।”
गांव के लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही कुत्तों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण नहीं किया गया, तो कोई बड़ी अनहोनी हो सकती है। ग्रामीणों ने मांग की कि पशु विभाग और नगर पंचायत मिलकर आवारा कुत्तों की पकड़ और टीकाकरण अभियान शुरू करें। लोगों का कहना है कि आवारा कुत्तों की समस्या की जानकारी अधिकारियों को कई बार दी गई, लेकिन किसी ने संज्ञान नहीं लिया। अब घटना के बाद प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं कि आखिर जब रोजाना इतने मामले सामने आ रहे हैं, तो अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

















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