पुलिस चौकी के सामने चली ‘छुरेबाजी’, स्कूल प्रबंधन की लापरवाही उजागर, छात्रों में कानून का कोई भय नहीं
News Expert - Sushil Sharma
हापुड़ - हापुड़ में शिक्षा का माहौल अब खौफ में तब्दील हो चुका है। जहां बच्चों के हाथों में कलम और किताबें होनी चाहिए, वहां अब धारदार हथियार और खून की छींटें हैं। एसएसवी इंटर कॉलेज जिले के प्रतिष्ठित स्कूलों में गिना जाता है, अब बस्तों में हथियारों की नर्सरी बनता जा रहा है। बुधवार को स्कूल की छुट्टी के बाद पुलिस चौकी के ठीक सामने हुई छुरेबाजी की वारदात ने पूरे शहर को दहला दिया।
शिक्षा के मंदिर में जहां बच्चों के हाथों में कलम और किताबें होनी चाहिए, वहां अब हथियार और हिंसा ने जगह बना ली है। हापुड़ के एसएसवी इंटर कॉलेज के बाहर बुधवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब आठवीं कक्षा के दो छात्रों पर धारदार हथियार से हमला कर दिया गया। चौंकाने वाली बात यह रही कि यह हमला एसएसवी पुलिस चौकी के ठीक सामने हुआ लेकिन छात्रों में न पुलिस का भय था, न स्कूल प्रशासन का।
छुट्टी के बाद छुरेबाजी से फैली दहशत
जानकारी के अनुसार, बुधवार दोपहर स्कूल की छुट्टी के बाद जब छात्र बाहर निकल रहे थे, तभी एसएसवी इंटर कॉलेज में ही पढ़ने वाले दो छात्रों ने भीड़ का फायदा उठाते हुए आठवीं के छात्र मनदीप और योगेश पर धारदार चाकू से हमला कर दिया। हमले में मनदीप के सिर पर तीन जगह गहरे घाव आए जबकि योगेश के गले और गाल पर गहरा कट लगा। दोनों छात्र लहूलुहान होकर वहीं गिर पड़े।
चौकी के सामने हुआ हमला, न पुलिस दिखी न रोकथाम
यह घटना एसएसवी पुलिस चौकी के ठीक सामने घटी, जहां से पुलिसकर्मी हर दिन स्कूल सुरक्षा की निगरानी का दावा करते हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, “हमला इतनी तेजी से हुआ कि लोग समझ ही नहीं पाए। चौकी के सामने बच्चों के हाथ में हथियार देखकर लोग दहशत में आ गए।”
चौकी इंचार्ज घायल छात्रों को लेकर पहुंचे अस्पताल
घटना की जानकारी मिलते ही एसएसवी पुलिस चौकी इंचार्ज मौके पर पहुंचे और दोनों घायलों को आरोग्य अस्पताल पहुंचाया गया। डॉ. पराग शर्मा ने बताया कि “दोनों छात्र खतरे से बाहर हैं, लेकिन गंभीर चोटें आई हैं। मनदीप के सिर में तीन घाव हैं, जबकि योगेश के गले के पास लंबा कट था, जिसे टांके लगाकर बंद किया गया है।”
माता-पिता ने स्कूल प्रबंधन पर साधा निशाना
घायल मनदीप के पिता ने स्कूल प्रशासन पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि “हम बच्चों को स्कूल इसलिए भेजते हैं कि वे पढ़ें, लेकिन अब बैगों में किताबों की जगह हथियार जा रहे हैं। स्कूल प्रबंधन को यह देखना चाहिए कि छात्र क्या लेकर स्कूल में आ रहे हैं। अगर प्रशासन और प्रबंधन समय रहते सख्ती करते तो आज हमारे बच्चे अस्पताल में न होते।” योगेश की मां ने रोते हुए बताया कि “मेरा बेटा पिछले सात साल से मानसिक रूप से कमजोर है। वह किसी से लड़ाई नहीं करता। फिर भी उस पर धारदार हथियार से हमला किया गया। यह स्कूल की लापरवाही नहीं तो और क्या है?”
स्कूल में ‘हिंसा संस्कृति’ का अड्डा बनता माहौल
स्थानीय लोगों का कहना है कि एसएसवी इंटर कॉलेज में छुट्टी के समय छात्रों के बीच मारपीट आम बात बन चुकी है। अक्सर स्कूल गेट के बाहर लाठी-डंडे और बेल्ट तक चल जाते हैं, लेकिन पहली बार छात्रों के बैग से फिल्मी अंदाज में धारदार हथियार निकलने की घटना ने सभी को दहला दिया है।
कॉलेज प्रबंधन की चुप्पी बनी सवाल
घटना के बाद जब पुलिस घायल छात्रों को लेकर कॉलेज प्रधानाचार्य से मिलने पहुंची, तो वे मौजूद नहीं मिले। स्कूल प्रबंधन की इस चुप्पी ने सुरक्षा व्यवस्था और अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावकों ने मांग की है कि “प्रत्येक छात्र के बैग की जांच होनी चाहिए। स्कूल में सीसीटीवी निगरानी और सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की जाए।”
पुलिस प्रशासन ने कहा दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी
एसपी हापुड़ कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि “स्कूल परिसर में छात्रों द्वारा हथियार लाना अत्यंत गंभीर अपराध है। इसमें शामिल सभी छात्रों की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस चौकी के सामने हुई इस घटना से स्पष्ट है कि कुछ छात्र असामाजिक प्रवृत्ति के हैं। ऐसे लोगों पर कानून का डंडा चलाया जाएगा, ताकि भविष्य में कोई छात्र इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न करे।”
सवालों के घेरे में शिक्षा और सुरक्षा
यह घटना हापुड़ में शिक्षा व्यवस्था, स्कूल सुरक्षा और किशोर अपराधों की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर सवाल उठाती है। पुलिस चौकी के सामने छात्रों द्वारा खुलेआम हमला करना इस बात का संकेत है कि अब अपराध की उम्र कम और हिम्मत ज्यादा हो रही है।
















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