News Expert - Sushil Sharma
हापुड़। बाबूगढ़ थाने में तैनात एक उपनिरीक्षक को दुष्कर्म के गंभीर मामले की विवेचना में लापरवाही और हेराफेरी करने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। पुलिस अधीक्षक कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए विभागीय जांच बैठा दी है।
सूत्रों के अनुसार, जुलाई माह में बाबूगढ़ थाना क्षेत्र की एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ था। पीड़िता के परिजनों ने 16 जुलाई को गाजियाबाद के मसूरी थाना क्षेत्र के नाहल गांव निवासी परवेज, जुबैर और रिजवान के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस संवेदनशील प्रकरण की जांच बाबूगढ़ थाने के उपनिरीक्षक अनोद कुमार को सौंपी गई थी।
लेकिन जांच के दौरान गंभीर अनियमितताएं सामने आईं। आरोप है कि उपनिरीक्षक ने आरोपितों को बचाने के लिए कई फर्जी बयान दर्ज कर लिए। इतना ही नहीं, पीड़िता की मां, जिनका पहले ही निधन हो चुका है, उनके भी बयान विवेचना में जोड़कर चार्जशीट का हिस्सा बना दिया। मामला प्रकाश में आने के बाद विभाग में हड़कंप मच गया।
एसपी कुंवर ज्ञानंजय सिंह ने पूरे प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उपनिरीक्षक को तत्काल निलंबित कर दिया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि “संवेदनशील मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही या हेराफेरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सत्य और न्याय सुनिश्चित करना ही पुलिस की पहली प्राथमिकता है।”
पुलिस अधीक्षक ने मामले की गहन जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही यह भी निर्देश दिए कि भविष्य में ऐसे गंभीर अपराधों की विवेचना पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से की जाए। स्थानीय लोगों का कहना है कि एसपी की सख्त कार्रवाई से पुलिस महकमे में संदेश गया है कि यदि किसी भी स्तर पर न्याय के साथ खिलवाड़ किया गया तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई तय है।














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