Top News

बुनियादी सुविधाओं से लैस होंगे हर जिले के स्कूल: सीएम योगी का निर्देश


News Expert - Sushil Sharma 

लखनऊ - प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों की स्थिति अब और बेहतर होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के सभी सरकारी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों की भौतिक स्थिति की व्यापक और सघन समीक्षा कराई जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी विद्यालय जर्जर, अस्वच्छ या सुविधाओं से वंचित नहीं रहना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सोमवार को उच्चस्तरीय बैठक में कहा कि बच्चों को प्रेरक, सुंदर और सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई मिले, यह सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

हर स्कूल की होगी गहराई से जांच

सीएम ने सभी जिलों में जिलाधिकारी और बीएसए की अध्यक्षता में टीम गठित कर स्कूलों का फिजिकल वेरिफिकेशन कराने को कहा है। स्कूल भवन की मजबूती, फर्नीचर, पेयजल, शौचालय, रंगाई-पुताई, रैम्प और बच्चों के बैठने की समुचित व्यवस्था की समीक्षा की जाएगी।

उन्होंने निर्देश दिया कि जिन स्कूलों के भवन पूरी तरह जर्जर हैं, उन्हें अस्थायी रूप से अन्यत्र शिफ्ट किया जाए। इन भवनों की मरम्मत अथवा पुनर्निर्माण कार्य जल्द शुरू कराने को भी कहा गया है।

वर्ष 2017 से अब तक क्या बदला...

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश के सिर्फ 36% विद्यालयों में ही बुनियादी सुविधाएं थीं, जबकि आज ऑपरेशन कायाकल्प के तहत 96% कार्य पूरे हो चुके हैं।

अब तक की प्रमुख उपलब्धियां

✔️ 1,32,678 विद्यालयों में पुस्तकालय संचालित, हर स्कूल में न्यूनतम 500 पुस्तकें

✔️ सत्र 2024-25 में 15.37 करोड़ पाठ्यपुस्तकों का निःशुल्क वितरण

✔️ 4.53 लाख शिक्षकों को डिजिटल शिक्षण का प्रशिक्षण

✔️ बालिकाओं के लिए शौचालय की सुविधा 90% से अधिक विद्यालयों में

✔️ आरटीई के अंतर्गत 2024-25 में 4.58 लाख बच्चों का नामांकन, जबकि 2016-17 में केवल 10,784

जनप्रतिनिधियों और CSR की भी ली जाएगी मदद

सीएम योगी ने कहा कि इस कार्य में जनप्रतिनिधियों, सांसदों, विधायकों और सीएसआर फंडिंग से भी सहयोग लिया जाए। इस पूरे अभियान की फोटोग्राफिक डॉक्युमेंटेशन और सोशल मीडिया प्रचार भी अनिवार्य किया जाए, ताकि जनता को सरकार के प्रयासों की पूरी जानकारी हो।

‘‘प्राथमिक विद्यालय केवल भवन नहीं, बल्कि समाज की नींव हैं’’ - मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक विद्यालयों को उपेक्षित नहीं छोड़ा जा सकता। जब अभिभावकों को भरोसा होगा कि उनके बच्चों को सरकारी स्कूलों में सुरक्षित और गुणवत्तापरक शिक्षा मिल रही है, तभी प्राथमिक शिक्षा के प्रति विश्वास मजबूत होगा।






Post a Comment

Previous Post Next Post