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भाजपा नेता पर बंदरों ने किया हमला,नगरपालिका के दावों की पोल खुली, 24 घंटे में बेलगाम बंदरों ने किए दो बड़े हमले


News Expert - Sushil Sharma 

हापुड़ - शहर में नगरपालिका के तमाम दावों की पोल एक बार फिर खुल गई है। आवारा कुत्तों और बेलगाम बंदरों पर लगाम कसने के खोखले दावे सिर्फ कागजों में ही सिमटकर रह गए हैं। नतीजा यह है कि महिलाएं, बच्चे और राहगीर असुरक्षित हैं। हालात यह हैं कि पिछले 24 घंटों के भीतर हमलावर बंदरों ने दो बड़ी वारदातों को अंजाम देते हुए चार लोगों को घायल कर दिया।


पहली घटना विवेक विहार की है, जहां बंदरों के झुंड ने एक महिला, एक बच्चे और एक व्यक्ति पर हमला कर दिया। बंदरों ने तीनों को बुरी तरह घायल कर दिया। हमले की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अगर पीड़ित समय रहते घर के अंदर न भागते, तो बंदरों का झुंड उन्हें गंभीर नुकसान पहुंचा सकता था।

दूसरा बड़ा हमला भाजपा नेता प्रवीण सेठी पर हुआ। बताया जा रहा है कि वह कोठी गेट स्थित लक्ष्मण वाली गली से स्कूटी पर होकर गुजर रहे थे, तभी अचानक बंदरों के झुंड ने उन पर धावा बोल दिया। डर के मारे प्रवीण सेठी ने स्कूटी वहीं छोड़ दी और अपनी जान बचाने के लिए भाग खड़े हुए।

सीसीटीवी फुटेज वायरल

दोनों घटनाओं की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रही है। फुटेज में साफ दिख रहा है कि किस तरह से हमलावर बंदरों का आतंक शहरवासियों की जान पर बन आया है। वायरल होते ही लोगों ने नगरपालिका की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।

नगरपालिका की प्राथमिकता पर उठे सवाल

शहरवासी आरोप लगा रहे हैं कि नगरपालिका को केवल राजस्व बढ़ाने वाले ठेकों, अवैध होर्डिंग्स और यूनिपोल से होने वाली कमाई की चिंता है। मगर जब बात जनता की सुविधाओं और सुरक्षा की आती है, तो जिम्मेदार अधिकारी आंखें मूंद लेते हैं। अतिक्रमण हो या कुत्तों-बंदरों का आतंक, हर जगह नगरपालिका की कार्रवाई केवल ‘हवाबाजी’ साबित हो रही है।

जनता बेहाल, जिम्मेदार लापरवाह

लोगों का कहना है कि आए दिन होने वाली इन घटनाओं से मोहल्लों में दहशत का माहौल है। महिलाएं और बच्चे घर से बाहर निकलने में डर रहे हैं। शहरवासी पूछ रहे हैं कि आखिर कब तक नगरपालिका की लापरवाही का खामियाजा आम जनता अपनी जान जोखिम में डालकर भुगतेगी।









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