News Expert - Sushil Sharma
हापुड़। शहर की रामलीला मंचन पर इस बार बड़ा संकट मंडराता दिखाई दे रहा है। बुधवार को अतिक्रमण हटाने को लेकर नगरपालिका टीम, रामलीला कमेटी और अतिक्रमणकारियों के बीच उपजा विवाद बड़ा रूप लेता-लेता टल गया, लेकिन इसके बाद हालात और भी गंभीर हो गए।
रामलीला कमेटी के संरक्षक अनिल आज़ाद ने साफ चेतावनी देते हुए कहा कि यदि नगरपालिका द्वारा रामलीला से अवैध अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो रामलीला का आयोजन नहीं कराया जाएगा। इस दौरान राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह ने 10 मिनट में कार्यवाही का आश्वासन तो दिया, मगर 15 घंटे बाद भी कार्रवाई न होने से नाराज़ कमेटी पदाधिकारी एसडीएम इला प्रकाश से मिले।
सुनील सिंह पर गंभीर आरोप
कमेटी अध्यक्ष विनोद वर्मा, महामंत्री उमेश अग्रवाल और संरक्षक अनिल आज़ाद समेत पदाधिकारी एसडीएम से मिले और राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह की शिकायत दर्ज कराई। आरोप लगाया गया कि सुनील सिंह जानबूझकर विवाद की स्थिति पैदा कर रहे हैं। यही नहीं, कमेटी ने आरोप लगाया कि पिछले आयोजन में जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद पार्किंग से 20 से 30 रुपये की अवैध उगाही की गई थी।
नगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है: कमेटी
अनिल आज़ाद ने आरोप लगाया कि नगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है। उन्होंने कहा कि नगरपालिका की लापरवाही से लोगों की जान तक जा रही है। हाल ही में शिवगढ़ी में 3 साल की बच्ची की मौत का मामला उठाते हुए उन्होंने कहा कि यदि समय रहते नगरपालिका सुविधाएं उपलब्ध करा देती तो मासूम की जान बचाई जा सकती थी।
एसडीएम ने दिया सख्त निर्देश
एसडीएम इला प्रकाश ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ईओ और राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह को तलब किया। बैठक के दौरान नगरपालिका के केएनओ ने कमेटी पर आरोप लगाया कि रामलीला मैदान में दुकानदारों से पैसा लेकर जगह दी जा रही है। इस बयान से माहौल और गर्म हो गया। हालांकि, एसडीएम ने हालात संभालते हुए सुनील सिंह को रामलीला से संबंधित अतिक्रमण कार्रवाई से दूर रहने का निर्देश दिया और दूसरी टीम को अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी सौंपी।
रामलीला मंचन पर खतरा बरकरार
कमेटी ने एसडीएम से साफ कहा कि यदि अवैध अतिक्रमण को तुरंत नहीं हटाया गया तो इस बार रामलीला का मंचन नहीं होगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन की होगी।













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