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मरीज के पेट से निकले 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 पेन, डॉक्टर भी दंग


News Expert - Sushil Sharma 

हापुड़। जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने न सिर्फ डॉक्टरों को हैरान कर दिया, बल्कि लोगों के बीच भी सनसनी फैला दी। बुलंदशहर निवासी 40 वर्षीय सचिन के पेट से ऑपरेशन के दौरान 29 स्टील के चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 नुकीले पेन निकाले गए। यह वाकया मेडिकल इतिहास में बेहद दुर्लभ माना जा रहा है।


नशे की लत ने डाला मौत के मुंह में

जानकारी के अनुसार सचिन लंबे समय से नशे का आदी था। परिवार के लोग उसकी इस आदत से परेशान थे और कई बार उसे छुड़ाने का प्रयास कर चुके थे। कुछ समय पहले परिजनों ने उसे बुलंदशहर के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया। वहीं रहते हुए सचिन ने अपनी जान के साथ खतरनाक खेल खेलना शुरू कर दिया और नशे की हालत में चम्मच, टूथब्रश और पेन निगलना शुरू कर दिया।

तेज दर्द और उल्टी से बिगड़ी हालत

शुरुआत में परिजनों को समझ नहीं आया कि सचिन की तबीयत अचानक क्यों बिगड़ रही है। लेकिन जब लगातार तेज पेट दर्द और उल्टी होने लगी तो उसे हड़बड़ी में हापुड़ के देवनंदिनी अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों की टीम ने एक्स-रे और जांच की तो उनकी आंखें खुली की खुली रह गईं। जांच रिपोर्ट में सचिन के पेट में धातु की बड़ी मात्रा फंसी हुई दिखाई दी।

घंटों चला ऑपरेशन, डॉक्टरों ने बचाई जान

डॉ. श्याम कुमार और डॉ. संजय राय की देखरेख में तुरंत ऑपरेशन शुरू किया गया। कई घंटों तक चले इस जटिल ऑपरेशन में सचिन के पेट से 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 नुकीले पेन सुरक्षित तरीके से बाहर निकाले गए। डॉक्टरों ने बताया कि मरीज की जान खतरे में थी लेकिन समय रहते ऑपरेशन होने के कारण उसकी हालत स्थिर हो गई। कुछ दिनों तक अस्पताल में निगरानी के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया।

मानसिक विकार की तरफ इशारा

चिकित्सकों ने कहा कि सामान्य परिस्थितियों में कोई भी व्यक्ति इस तरह का व्यवहार नहीं करता। ऐसे मामले प्रायः मानसिक रूप से अस्वस्थ या विकारग्रस्त मरीजों में देखने को मिलते हैं। सचिन की नशे की लत और मानसिक स्थिति ही उसे इस खतरनाक आदत की ओर ले गई। विशेषज्ञों ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति दोनों पहलुओं को गंभीरता से लेना बेहद जरूरी है।

नशा मुक्ति केंद्रों पर उठे सवाल

इस घटना के बाद नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि सिर्फ नशा छुड़ाना ही काफी नहीं, बल्कि मरीजों की मानसिक स्थिति पर भी बराबर ध्यान देना चाहिए। अगर समय रहते सचिन की निगरानी बेहतर तरीके से होती तो यह खतरनाक स्थिति शायद टल जाती।

सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय

ऑपरेशन की तस्वीरें और जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होते ही यह मामला चर्चा का केंद्र बन गया। लोग हैरानी जता रहे हैं कि आखिर कोई इंसान इतने खतरनाक सामान को कैसे निगल सकता है। वहीं, कई लोग इसे मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता से जोड़कर देख रहे हैं और कह रहे हैं कि नशे और मानसिक विकारों को हल्के में लेना खतरनाक साबित हो सकता है।यह मामला न केवल डॉक्टरों और आमजन के लिए चेतावनी है बल्कि यह भी बताता है कि मानसिक स्वास्थ्य और नशा मुक्ति दोनों को साथ-साथ देखना बेहद जरूरी है।








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