News Expert - Sushil Sharma
हापुड़। रामलीला के ऐतिहासिक मंचन पर इस बार संकट के बादल मंडराते दिखे। बुधवार को नगरपालिका की लापरवाही और अतिक्रमण के मुद्दे ने ऐसा रूप ले लिया कि आयोजकों ने साफ चेतावनी दे डाली “अगर अवैध कब्ज़ा नहीं हटाया गया तो इस साल रामलीला नहीं होगी।”
कमेटी की इस सख्त घोषणा ने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया और आखिरकार मामला एसडीएम तक पहुँच गया।
क्या था पूरा विवाद?
बुधवार को रामलीला मैदान में अतिक्रमण हटाने पहुँची नगरपालिका टीम, रामलीला कमेटी और अतिक्रमणकारियों के बीच विवाद की स्थिति बन गई।
कमेटी ने राजस्व निरीक्षक सुनील सिंह पर गंभीर आरोप लगाए कि वह जानबूझकर विवाद पैदा कर रहे हैं।
आरोप ये भी लगा कि पिछले आयोजन में सुनील सिंह ने जिलाधिकारी के आदेश के बावजूद पार्किंग शुल्क के नाम पर 20–30 रुपये की अवैध वसूली की गई थी।
संरक्षक अनिल आज़ाद ने तीखे शब्दों में कहा कि “नगरपालिका भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है, जिसकी लापरवाही लोगों की जान तक ले रही है। शिवगढ़ी में मासूम बच्ची की मौत इसका ताज़ा उदाहरण है।”
शिकायत पहुँची एसडीएम तक, गरमा गई बैठक
कमेटी अध्यक्ष विनोद वर्मा, महामंत्री उमेश अग्रवाल और संरक्षक अनिल आज़ाद ने एसडीएम इला प्रकाश से मुलाकात कर सुनील सिंह की शिकायत दर्ज कराई।
बैठक में नगरपालिका के केएनओ ने पलटवार करते हुए कहा कि कमेटी खुद दुकानदारों से पैसे लेकर जगह बाँट रही है। इस बयान से माहौल और भी गरमा गया, हालांकि, एसडीएम ने सख्ती दिखाते हुए स्थिति को नियंत्रित किया और आदेश दिया कि सुनील सिंह को रामलीला से जुड़े अतिक्रमण प्रकरण से हटाया जाए। साथ ही एक नई टीम गठित कर अतिक्रमण हटाने की जिम्मेदारी सौंप दी।
न्यूज़ एक्सपर्ट की खबर का असर
इस प्रकरण को लेकर लगातार आवाज़ उठाई जा रही थी। न्यूज़ एक्सपर्ट की खबर के बाद प्रशासन हरकत में आया और गंभीरता से मामले को देखा।
सुनील सिंह की टीम को हटाया गया।
नई टीम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए रामलीला मैदान से अवैध कब्ज़ा हटवाया।
रामलीला बची, लेकिन चेतावनी बरकरार
हालांकि अतिक्रमण हटने के बाद इस साल मंचन का रास्ता साफ हो गया है, लेकिन आयोजकों ने दो टूक कहा है यदि भविष्य में भी ऐसी मनमानी और लापरवाही हुई तो कमेटी पीछे हटने से नहीं हिचकेगी। पूरी जिम्मेदारी नगरपालिका प्रशासन की होगी।”













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