News Expert - Ajay Verma
धौलाना। प्रदेश सरकार द्वारा समाज में समानता और सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए शुरू किए गए जातिसूचक बोर्ड हटाने के अभियान को धौलाना में सराहनीय सफलता मिली। शुक्रवार को क्षेत्राधिकारी अनीता चौहान और थाना प्रभारी नीरज कुमार के नेतृत्व में पुलिस टीम ने गांव-गांव जाकर लोगों से संवाद किया और समझाया कि जातिगत पहचान वाले बोर्ड सामाजिक विभाजन को बढ़ावा देते हैं।
अभियान का सकारात्मक असर यह रहा कि उदयरामपुर नंगला गांव के लोगों ने स्वयं अपने घरों और दुकानों से जातिसूचक बोर्ड उतार दिए। ग्रामीणों का कहना था कि इस पहल से समाज में भाईचारे का माहौल और मजबूत होगा।
सरकार की पहल, लोगों की भागीदारी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रदेश में कहीं भी जातिसूचक बोर्ड नहीं लगने चाहिए। उनका मानना है कि ऐसे बोर्ड सामाजिक समरसता में बाधा डालते हैं। शासन के आदेश के बाद पूरे प्रदेश में यह अभियान लगातार चलाया जा रहा है।धौलाना क्षेत्र में भी पुलिस-प्रशासन की संयुक्त टीम सक्रिय है। अधिकारी घर-घर जाकर लोगों से संवाद कर रहे हैं और समाज को जातिगत बंटवारे से ऊपर उठकर एकता का संदेश दे रहे हैं।
ग्रामीणों ने सराहा पुलिस की पहल
ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और प्रशासन का यह कदम सराहनीय है। थाना प्रभारी नीरज कुमार ने संवाद के दौरान लोगों को भरोसा दिलाया कि समाज की एकता और भाईचारे को तोड़ने वाली किसी भी प्रवृत्ति को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, क्षेत्राधिकारी अनीता चौहान ने लोगों से अपील की कि वे इस अभियान में सहयोग दें और आने वाली पीढ़ियों के लिए सौहार्द का वातावरण बनाएं।
प्रदेशभर में जारी अभियान
शासन के निर्देश पर प्रदेशभर में पुलिस-प्रशासन की टीमें लगातार अभियान चला रही हैं। जगह-जगह संवाद कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं और लोगों को जागरूक किया जा रहा है। शासन को उम्मीद है कि इस पहल से समाज में जातिगत भेदभाव की दीवारें टूटेंगी और सबको एक समान दृष्टि से देखने का संदेश जाएगा।













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