News Expert - Aarif Kassar
धौलाना। मसूरी-गुलावठी औद्योगिक क्षेत्र में शुक्रवार को स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन की दिशा में ऐतिहासिक पहल की शुरुआत हुई। औद्योगिक क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण एवं ऑन-साइट मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) की सुविधा का शुभारंभ किया गया। यह परियोजना यूपीसीडा और क्षेत्रीय औद्योगिक एसोसिएशन के संयुक्त प्रयासों से लागू की गई है।
इस अवसर पर औद्योगिक क्षेत्र की कई इकाइयों के प्रतिनिधि, स्थानीय उद्यमी और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। उन्होंने रिबन काटकर इस सुविधा का औपचारिक उद्घाटन किया। परियोजना के अंतर्गत प्रत्येक 100 औद्योगिक इकाइयों पर एक समर्पित वाहन द्वारा कचरा प्रतिदिन संग्रहित किया जाएगा और संकलित अपशिष्ट सीधे ऑन-साइट एमआरएफ सेंटर में लाकर वैज्ञानिक तरीके से पुनर्चक्रण किया जाएगा।
इस योजना के तहत प्लास्टिक, धातु, कागज, कपड़ा आदि पुन: प्रयोग योग्य अपशिष्ट को अलग-अलग करके संसाधित किया जाएगा। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और व्यवस्थित होगी, जिसमें प्रत्येक इकाई का कचरा प्रतिदिन तौला जाएगा और लॉगबुक में दर्ज किया जाएगा। इसके लिए मासिक शुल्क 500 से 1000 रुपये निर्धारित किया गया है। यह सुविधा न केवल खुले में कचरा डालने की समस्या का समाधान करेगी, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र का वातावरण स्वच्छ बनाएगी और उद्यमियों और श्रमिकों के स्वास्थ्य में सुधार लाएगी।
यूपीसीडा के क्षेत्रीय प्रबंधक राकेश झा ने कहा “यह परियोजना एसोसिएशन और यूपीसीडा के संयुक्त प्रयासों से संभव हुई है। यदि कोई व्यक्ति अथवा औद्योगिक इकाई खुले में कचरा डालती पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।”
एमजीआर इंडस्ट्रियलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के उपाध्यक्ष धीरेज तोमर ने कहा “अब तक औद्योगिक क्षेत्र में कचरा निस्तारण की कोई सुव्यवस्थित व्यवस्था नहीं थी। यह पहल न केवल क्षेत्र को स्वच्छ और प्रदूषणमुक्त बनाएगी बल्कि भविष्य के लिए एक आदर्श व्यवस्था भी स्थापित करेगी।”
इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख व्यक्तियों में एन.एन. मिश्रा, धीरज तोमर, सुदीप चौधरी, कपिल गर्ग, गगनदीप, आशु सिंघल, डाम्बर सिंह, आदेश भारतीया, पवन अग्रवाल शामिल रहे। इसके अतिरिक्त ग्लोबल डब्ल्यूएमसी इंडिया प्रा. लि. की ओर से अक्षांश कुमार (प्रोजेक्ट हेड), संजीव अग्रवाल (ऑपरेशंस हेड) और सुश्री लक्ष्मी पूर्णिमा (कोऑर्डिनेटर) भी उपस्थित थे। उन्होंने इस परियोजना के सफल संचालन और कार्यान्वयन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मसूरी-गुलावठी औद्योगिक क्षेत्र में यह नई व्यवस्था न केवल स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी बल्कि अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी एक लक्ष्य और प्रेरणा का काम करेगी।













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