News Expert - Sushil Sharma
हापुड़ - गरीबी और मजबूरी के बीच जब बच्चों के सपने टूटने लगते हैं, तो किसी एक इंसान की संवेदना उन्हें फिर से जीने की वजह दे सकती है। हापुड़ की महिला थाना प्रभारी अरुणा राय ने ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है। उन्होंने उन बच्चियों की मदद की, जो आर्थिक तंगी के कारण स्कूल और स्पोर्ट्स की फीस नहीं भर पा रही थीं।
हापुड़ की गलियों में रहने वाली कुछ बच्चियाँ रोज़ सुबह बैडमिंटन रैकेट लेकर निकलती हैं आँखों में चमक, पर दिल में डर। डर इस बात का कि कल शायद कोचिंग नहीं जा पाएँगी, क्योंकि फीस देने के लिए घर में पैसे नहीं हैं। किसी के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, किसी की माँ घरों में झाड़ू-पोछा करती है। रात को जब माँ-बेटी बातें करती हैं, तो बेटी कहती है “अम्मा, मैं बड़ा खिलाड़ी बनना चाहती हूँ।” और माँ आँखों में आँसू लेकर कहती है “बिटिया, सपना बड़ा है… लेकिन पेट पहले भरना है।”
गरीब परिवारों की बच्चियाँ, लेकिन सपने बड़े
हापुड़ की स्पूडी बैडमिंटन अकैडमी में कई बच्चियाँ खेल की ट्रेनिंग लेती हैं। इनमें कुछ बच्चियाँ ऐसी हैं जिनके परिवार बेहद कमजोर आर्थिक स्थिति से गुजर रहे हैं। किसी के पिता दिहाड़ी मजदूर हैं, तो किसी की माँ दूसरों के घरों में काम करती हैं। इन बच्चियों के अंदर खेल के प्रति जुनून है, लेकिन परिवार की स्थिति इतनी नाजुक है कि वे कोचिंग और स्कूल फीस भरने में असमर्थ थीं।
अरुणा राय ने संभाली जिम्मेदारी
महिला थाना प्रभारी अरुणा राय मिशन शक्ति अभियान के तहत एक कार्यक्रम में स्पूडी बैडमिंटन अकैडमी पहुंची थीं। वहीं उन्हें पता चला कि कुछ बच्चियाँ आर्थिक परेशानी के कारण कोचिंग छोड़ने वाली हैं। अरुणा राय ने तुरंत इस मामले को गंभीरता से लिया और उन बच्चियों के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की। उन्होंने परिवारों की स्थिति देखी और उनकी समस्याओं को समझा।
मिशन शक्ति का असली रूप
अरुणा राय ने मिशन शक्ति के अंतर्गत इन बच्चियों को मदद देने का निर्णय लिया। वह खुद बच्चियों को लेकर अकैडमी पहुंचीं और अपनी ओर से उनकी एक साल की कोचिंग फीस जमा कराई। इसके साथ ही उन्होंने परिवारों को बच्चियों की स्कूल फीस की राशि भी दी, ताकि वे पढ़ाई जारी रख सकें। बच्चियों के चेहरे पर खुशी और उम्मीद की झलक साफ़ दिखी। उनके परिवारों ने कहा कि “हमने सोचा था अब बेटियाँ पढ़ाई या खेल नहीं कर पाएंगी, लेकिन अरुणा मैम ने चमत्कार कर दिया।”
अरुणा राय ने कहा हर बेटी को बराबर मौका चाहिए
अरुणा राय ने कहा “हर बच्ची को शिक्षा और खेल का समान अधिकार है। अगर कोई बच्ची सिर्फ गरीबी की वजह से अपने सपने अधूरे छोड़ दे, तो ये समाज की हार है। मिशन शक्ति अभियान का असली उद्देश्य यही है कि बेटियाँ आत्मनिर्भर बनें और अपने पैरों पर खड़ी हों। मैं और उत्तर प्रदेश पुलिस हमेशा ऐसी बेटियों के साथ खड़ी हैं।”
उत्तर प्रदेश पुलिस का चेहरा सिर्फ अनुशासन और कानून का ही नहीं, बल्कि संवेदना, सुरक्षा और सेवा का भी है। हमारी कोशिश है कि मिशन शक्ति अभियान को हर घर, हर गली, हर स्कूल तक पहुंचाया जाए। चाहे किसी बेटी को मदद की ज़रूरत हो या किसी महिला को सुरक्षा का भरोसा पुलिस हमेशा उनके साथ खड़ी है।”
समाज के लिए प्रेरणा बनीं अरुणा राय
अरुणा राय ने दिखा दिया कि मिशन शक्ति केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि यह सपनों को साकार करने की पहल भी है। उनकी यह कोशिश अब पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई है। लोग कह रहे हैं “अरुणा राय जैसी अधिकारी अगर हर जिले में हों, तो कोई भी बेटी अपने सपनों से वंचित नहीं रहेगी।” मिशन शक्ति अभियान के तहत हापुड़ में चल रही यह पहल साबित करती है कि वर्दी केवल कानून का नहीं, बल्कि इंसानियत और उम्मीद का प्रतीक भी है। अरुणा राय ने न सिर्फ बेटियों की फीस भरी, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई उड़ान दी।















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