News Expert - Sushil Sharma
बागपत – महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन को समर्पित मिशन शक्ति अभियान को और अधिक सशक्त बनाने के उद्देश्य से मेरठ परिक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) श्री कलानिधि नैथानी ने शनिवार को थाना कोतवाली बागपत और थाना सिंघावली अहीर स्थित मिशन शक्ति केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।
निरीक्षण के दौरान डीआईजी नैथानी ने केंद्र पर उपलब्ध संसाधनों, अभिलेखों और कार्यप्रणाली की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने सभी महिला पुलिसकर्मियों से अभियान के विभिन्न पहलुओं पर संवाद करते हुए कहा कि “मिशन शक्ति केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि यह समाज में महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान की दिशा में पुलिस की प्रतिबद्धता का प्रतीक है। हर महिला पुलिसकर्मी इस अभियान की अग्रदूत है।” निरीक्षण के समय पुलिस अधीक्षक बागपत सूरज कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह चौहान सहित कई अन्य अधिकारीगण भी मौजूद रहे।
मिशन शक्ति केंद्रों की गहन समीक्षा
डीआईजी नैथानी ने मिशन शक्ति केंद्रों में रखे जाने वाले महत्वपूर्ण 8 रजिस्टरों महिला हेल्प डेस्क प्रार्थना पत्र रजिस्टर, काउंसलिंग रजिस्टर, एंटी रोमियो स्क्वाड रजिस्टर, महिला बीट रजिस्टर, निरीक्षण पुस्तिका, प्रथम सूचना रिपोर्ट रजिस्टर, निरोधात्मक कार्यवाही रजिस्टर और फीडबैक/फॉलोअप रजिस्टर को अपडेट रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ये रजिस्टर मिशन शक्ति की रीढ़ हैं और हर कर्मी इन्हें अपने नाम से आवंटित कर नियमित रूप से अद्यतन रखे।
महिला उपनिरीक्षक सीमा को किया पुरस्कृत
निरीक्षण के दौरान डीआईजी नैथानी ने थाना कोतवाली बागपत की महिला उपनिरीक्षक सीमा को मिशन शक्ति प्रोग्राम की उत्कृष्ट जानकारी और प्रभावी कार्यशैली के लिए पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि सीमा जैसी अधिकारी अन्य महिला कर्मियों के लिए प्रेरणा हैं।
महिला पुलिस कर्मियों को दिए निर्देश
डीआईजी नैथानी ने केंद्र पर नियुक्त महिला पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया कि वे महिलाओं को उनके अधिकारों, हेल्पलाइन नंबरों और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के बारे में अधिक से अधिक जागरूक करें। उन्होंने कहा कि “महिलाओं को अपने अधिकारों और सुरक्षा के उपायों की जानकारी होना सबसे बड़ी ताकत है। मिशन शक्ति की असली सफलता तभी है जब हर महिला खुद को सशक्त महसूस करे।”
विभिन्न विभागों के बीच समन्वय पर बल
डीआईजी नैथानी ने वन स्टॉप सेंटर (OSC), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA), परिवार परामर्श केंद्र (PPK), जिला प्रोबेशन अधिकारी (DPO), समाज कल्याण विभाग और गैर सरकारी संगठनों के साथ समन्वय को और मजबूत करने पर जोर दिया।उन्होंने निर्देश दिए कि “मिशन शक्ति से जुड़ी हर कार्यवाही में सभी विभाग मिलकर काम करें। महिला सुरक्षा और न्याय केवल पुलिस का नहीं, बल्कि पूरे प्रशासन का साझा दायित्व है।”
प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने के निर्देश
डीआईजी ने कहा कि प्रत्येक केस का कंप्यूटर में अलग फोल्डर बनाकर अंतिम परिणाम तक अपडेट रखा जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि प्रत्येक तहसील में परामर्श केंद्र और महिला पुलिसकर्मियों के लिए “शिशु देखरेख केंद्र (Crèche)” की व्यवस्था की जाए। यदि काउंसलिंग के दौरान किसी प्रकरण में एफआईआर की अनुशंसा की जाए, तो थाना प्रभारी तत्काल प्राथमिकी दर्ज करें। उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
जागरूकता के लिए निरंतर कार्यक्रम
डीआईजी नैथानी ने यह भी कहा कि मिशन शक्ति के प्रचार-प्रसार हेतु जागरूकता कार्यक्रम निरंतर जारी रखे जाएं। पंचायत व वार्ड स्तर पर संयुक्त टीमों के माध्यम से महिलाओं व बालिकाओं को शासन की योजनाओं की जानकारी दी जाए जैसे मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, निराश्रित महिला पेंशन योजना, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, वन स्टॉप सेंटर योजना आदि। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न विभाग महिला एवं बाल विकास, युवा कल्याण, माध्यमिक शिक्षा, नगर विकास, ग्राम विकास, राजस्व, परिवहन, न्याय व सूचना विभाग से मिलकर जागरूकता फैलाएं ताकि मिशन शक्ति का उद्देश्य हर गांव और हर महिला तक पहुंचे।
डीआईजी नैथानी का संदेश
अंत में डीआईजी कलानिधि नैथानी ने कहा “मिशन शक्ति महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का एक व्यापक आंदोलन है। यह पुलिस और समाज दोनों की संयुक्त जिम्मेदारी है कि महिलाएं सुरक्षित और आत्मनिर्भर महसूस करें। हमारी कोशिश है कि कोई भी महिला न्याय और सुरक्षा से वंचित न रहे।”















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