News Expert - Sushil Sharma
हापुड़ - भारत में हॉकी खेल के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शनिवार को हापुड़ में एक भव्य जिला स्तरीय हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह आयोजन हॉकी हापुड़ के सचिव प्रिंस पंडित और जिला क्रीड़ाधिकारी डॉ. अरुणा के संयुक्त प्रयास से SN पब्लिक स्कूल में सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। टूर्नामेंट में बालक एवं बालिका वर्ग के खिलाड़ियों ने शानदार खेल कौशल का प्रदर्शन कर उपस्थित दर्शकों का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि हॉकी हापुड़ के अध्यक्ष डॉ. विकास अग्रवाल, महामंत्री भाजपा प.उ.प्र. एवं प्रदेश मंत्री क्रीड़ा भारती रहे। उन्होंने खिलाड़ियों के जोश, अनुशासन व खेल भावना की सराहना की और हॉकी के महानायक मेजर ध्यानचंद की जीवनी तथा योगदान पर विस्तार से प्रकाश डाला।
प्रतियोगिता के फाइनल मुकाबलों में बालक वर्ग में सरस्वती बाल मंदिर की टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए JMS स्कूल को 3–0 से हराया। वहीं बालिका वर्ग में JMS स्कूल ने बेहतरीन खेल दिखाकर SN पब्लिक स्कूल को 2–0 से हराकर ट्रॉफी अपने नाम की। विजेता खिलाड़ियों में गजब का उत्साह देखने को मिला।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रबंधक जयश्री तोमर, राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी लवकुश, स्कूल की प्रधानाचार्या सरिता, खेलो इंडिया कोच तनवीर, हॉकी कोच सचिन रावत व कोच अमित सहित कई खेल व्यक्तित्व मौजूद रहे। सभी खिलाड़ियों को प्रमाणपत्र और ट्रॉफियां प्रदान कर प्रोत्साहित किया गया।
सचिव प्रिंस पंडित ने कहा कि “भारत में हॉकी का सौ वर्षों का यह सफ़र केवल खेल का इतिहास नहीं, बल्कि देश की खेल–आत्मा का गौरवशाली अध्याय है। आज का आयोजन इस परंपरा के सम्मान में और नए खिलाड़ियों को प्रेरित करने के उद्देश्य से किया गया। मैं चाहता हूं कि हापुड़ के खिलाड़ी भी उसी समर्पण और अनुशासन के साथ आगे बढ़ें, जैसा कभी हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद ने दिखाया था। उनका जीवन हर खिलाड़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है कि कठिन परिश्रम और दृढ़ निश्चय से विश्व पटल पर तिरंगा फहराया जा सकता है।
उन्होंने कहा मैं हमेशा कहता हूं पहला सुख निर्मल काया, दूजा सुख माया… यानी स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। खेल न केवल शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि चरित्र, आत्मविश्वास और जीवन के अनुशासन को भी आकार देता है। आज गांव-गली से निकलकर बच्चे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जगह बना रहे हैं, यह हमारी खेल संस्कृति के लिए गर्व की बात है।
मैं क्षेत्र के सभी बालक बालिकाओं को यही संदेश देना चाहता हूं कि खेल को केवल शौक की तरह नहीं, बल्कि करियर के रूप में भी अपनाया जा सकता है। यदि दिल में लगन हो और मेहनत निरंतर हो, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं। हॉकी हापुड़ की ओर से मैं सभी बच्चों को शुभकामनाएं देता हूं और आश्वस्त करता हूं कि हम खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए निरंतर प्रयासरत रहेंगे।”

















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