News Expert - Sushil Sharma
हापुड़ - पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) के प्रबंध निदेशक रवीश गुप्ता ने शनिवार को अचानक हापुड़ विद्युत वितरण मंडल पहुंचकर विभिन्न व्यवस्थाओं की जमीनी हकीकत परखने के लिए व्यापक निरीक्षण किया। आगामी 1 दिसंबर से लागू होने जा रही बिजली बिल राहत योजना को लेकर उन्होंने अफसरों को विशेष दिशा-निर्देश जारी किए।
निरीक्षण के दौरान एमडी ने मंडल की राजस्व वसूली की स्थिति, विद्युत आपूर्ति व्यवस्था, स्मार्ट मीटरिंग, बिजनेस प्लान, लाइन लॉस, भू-रेट और वर्ष 2025-26 के तहत प्रस्तावित योजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सरकार की ओर से उपभोक्ताओं को राहत देने के उद्देश्य से शुरू की जा रही बिल राहत योजना का लाभ हर पात्र उपभोक्ता तक पहुँचे, इसके लिए विभाग को युद्धस्तर पर तैयारी करनी होगी।
एमडी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना से संबंधित जानकारी हर बकायेदार उपभोक्ता तक पहुँचे। इसके लिए मुनादी, जागरूकता शिविर, नोटिस वितरण और जनसंपर्क गतिविधियों को और व्यापक किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि विद्युत सखियों की मदद से भी घर-घर जानकारी पहुंचाई जाए, ताकि एक भी पात्र उपभोक्ता योजना से वंचित न रहे। उन्होंने शिविरों के आयोजन से पहले उपयुक्त स्थानों का चयन करने पर जोर देते हुए कहा कि शिविर ऐसे स्थानों पर लगाए जाएं जहाँ उपभोक्ताओं को बिल जमा कराने में किसी तरह की असुविधा न हो।
प्रबंध निदेशक ने सभी वाणिज्यिक एवं तकनीकी अनुभागों के कार्यों की बारीकी से जानकारी ली। उन्होंने स्पष्ट कहा कि राजस्व वसूली में थोड़ी भी ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत वसूली सुनिश्चित करने के लिए फील्ड स्तर पर टीमों को और सक्रिय किया जाए। अधीक्षण अभियंता एस. के. अग्रवाल ने एमडी को अवगत कराया कि बीते वर्ष की तुलना में लाइन हानियों में कमी आई है तथा भू-रेट में सुधार दर्ज किया गया है। इस पर प्रबंध निदेशक ने टीम की सराहना करते हुए बेहतर परिणामों के लिए आगे भी निरंतर प्रयास करने को कहा।
निरीक्षण के दौरान एमडी रवीश गुप्ता तकनीकी अनुभाग में भी पहुंचे, जहाँ उन्होंने उपभोक्ताओं को जारी किए जा रहे एस्टीमेट का परीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि एस्टीमेट समय पर और निर्धारित मानकों के अनुरूप उपलब्ध कराए जाएं। किसी प्रकार की लापरवाही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी भी दी। निरीक्षण के बाद एमडी ने समग्र रूप से विभागीय व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि उपभोक्ताओं को सुगम, पारदर्शी और गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराना ही निगम की सर्वोच्च प्राथमिकता है।
















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