News Expert - Sushil Sharma
गढ़मुक्तेश्वर - कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित कार्तिक गंगा स्नान–2025 में इस बार 20 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दीपदान व गंगा स्नान किया। आमतौर पर इतनी भारी भीड़ का मतलब होता था। किलोमीटरों में फैला भीषण जाम, घंटों तक फंसे वाहन, तंत्र का दबाव और श्रद्धालुओं की परेशानी। लेकिन इस बार तस्वीर एकदम उलट रही। जिस भी दिशा में लोग बढ़े, वहां सड़कों पर ट्रैफिक का दबाव तो रहा, लेकिन जाम नहीं लगा।
इस “असंभव को संभव” कर दिखाया टीआई छवीराम ने, जिन्होंने महीनों पहले से बनाई गई ट्रैफिक योजना को ऐसी बारीकी से लागू किया कि पूरा प्रशासन भी उनकी कार्यशैली का कायल हो गया।
मेला शुरू होने से एक माह पहले बना ट्रैफिक ब्लूप्रिंट यहीं से शुरू हुई सफलता
मेले के दौरान सबसे बड़ी चुनौती हमेशा ट्रैफिक जाम रही है। गाजियाबाद, मेरठ, अमरोहा, बिजनौर, बुलंदशहर, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान से लाखों वाहन यहां पहुंचते हैं। यही वजह थी कि टीआई छवीराम ने मेला शुरू होने से एक माह पहले ही ट्रैफिक रोडमैप तैयार करने का काम शुरू कर दिया।
टीआई छवीराम ने
✅ सभी मार्गों का फील्ड सर्वे कराया
✅ अवैध कटों की पहचान
✅ भीड़ के पीक आवर का अनुमान
✅ पार्किंग की वैज्ञानिक योजना
✅ वन-वे मूवमेंट का मॉडल
✅ वैकल्पिक मार्गों का परीक्षण
✅ हर चप्पे पर पुलिसकर्मियों की तैनाती
इन सभी को व्यवहारिक आधार पर तैयार किया और फिर उसी रणनीति को मेला शुरू होने पर लागू किया गया।
अवैध कट बंद जाम रोकने में निभाई सबसे अहम भूमिका
सड़कों पर ट्रैफिक जाम की सबसे बड़ी वजह होते थे अवैध कट, जिनसे वाहन अचानक यू-टर्न लेकर पूरी लेन को रोक देते थे।
टीआई छवीराम ने मेले से पूर्व
✔ सभी अवैध कटों की सूची बनाई
✔ चिह्नित कर सुदृढ़ बैरिकेडिंग करवाई
✔ और हर कट पर निरंतर निगरानी रखवाई
इसका सीधा फायदा यह हुआ कि पूरे रूट पर वाहनों की मैड-रश की स्थिति नहीं बनी और ट्रैफिक लगातार चलता रहा।
घाटों की ओर जाने वाले मार्ग पूर्णतः वाहन-मुक्त
इस बार सबसे महत्वपूर्ण परिवर्तन यह रहा कि घाट की ओर जाने वाले रास्तों पर किसी भी वाहन को एंट्री नहीं दी गई।
सभी वाहन
✅ निर्धारित पार्किंग में ही रुकवाए गए
✅ आगे पैदल मार्ग ही रखा
✅ एम्बुलेंस व आवश्यक सेवाओं को विशेष लेन दी गई
इसके परिणामस्वरूप घाटों पर भीड़ तो रही, लेकिन रास्ते कभी अवरुद्ध नहीं हुए।
नए पार्किंग स्थल हजारों लाखों वाहन सुगमता से खड़े हुए
टीआई छवीराम ने कई नए पार्किंग स्थल तैयार करवाए।
यह पार्किंग
✔ मुख्य मार्ग से पर्याप्त दूरी पर
✔ व्यापक क्षमता वाली
✔ एंट्री–एग्जिट अलग
✔ सुरक्षा और रोशनी से लैस
इन पार्किंग स्थलों में लाखों वाहनों की आवाजाही बिना किसी दिक्कत के हुई। श्रद्धालु पार्किंग से पैदल घाट की ओर आसानी से पहुंचे।
48 घंटे लगातार ड्यूटी टीआई छवीराम बने मैदान में उतरने वाले नेता
मेला चरम पर था, भीड़ उमड़ रही थी, और इसी बीच टीआई छवीराम स्वयं लगातार 48 घंटे तक मैदान में मोर्चा संभाले रहे।
✅ पार्किंग की स्थिति
✅ बैरिकेडिंग
✅ रूट डायवर्जन
✅ पुलिस स्टाफ की तैनाती
✅ भीड़ का दबाव
✅ सड़क पर पैदल चल रहे श्रद्धालु
✅ एम्बुलेंस रूट
✅ ब्रिज की स्थिति
हर बिंदु पर खुद निगरानी करते रहे।
श्रद्धालुओं ने भी कहा “इस बार पहली बार लगा कि पुलिस वाकई हर कदम पर मौजूद थी। न जाम मिला, न परेशानी।”
बृजघाट ब्रिज जहां हर साल बनता था ‘डेंजर पॉइंट’, इस बार पूरी तरह जाम-रहित
हर साल बृजघाट ब्रिज पर भारी भीड़ के कारण ट्रैफिक ध्वस्त हो जाता था। लेकिन इस बार
✅ ब्रिज पर वन-वे मूवमेंट
✅ लगातार पुलिस की मौजूदगी
✅ किसी भी वाहन को ओवरटेक की इजाजत नहीं
✅ पैदल और वाहन लेन को पूरी तरह अलग
इन व्यवस्थाओं के परिणामस्वरूप ब्रिज पर शून्य जाम की स्थिति बनी रही। उधर अमरोहा की तरफ लंबी लाइनें दिखाई दीं, लेकिन छिजारसी टोल से लेकर गढ़मुक्तेश्वर तक सड़कें खुली रहीं।
श्रद्धालुओं का अनुभव “इतनी बड़ी भीड़ में इतनी सुगमता पहली बार देखी”
भारी भीड़ के बावजूद
✔ लोग आसानी से पार्किंग तक पहुंचे
✔ पैदल मार्ग खुला रहा
✔ आपातकालीन सेवाएं रास्ता बनाती रहीं
✔ किसी को भी घंटों फंसने की नौबत नहीं आई
कई श्रद्धालुओं ने कहा कि “20 लाख लोग आए, पर सड़क पर परेशानी नहीं हुई। पुलिस ने इस बार बहुत बेहतरीन व्यवस्था की।”
टीआई छवीराम ट्रैफिक मैनेजमेंट का नया चेहरा
उनकी रणनीति, सूझबूझ और ग्राउंड लेवल कमांड ने यह साबित कर दिया कि अगर योजना सही हो, और निगरानी मजबूत, तो 20 लाख की भीड़ भी जाम नहीं बना सकती। टीआई छवीराम का यह मॉडल अब अन्य मेलों और बड़े आयोजनों में भी उपयोगी उदाहरण बन सकता है।



















Post a Comment